[Mathematics - X Notes]* Ncert Mathematics Class - X | Chapter 2. बहुपद In Hindi

 

Mathematics Notes – X

अध्याय 2. बहुपद


बहुपद(Polynomial) :- प्रारंभिक बीजगणित में धन (+) और ऋण (-) चिह्नों से संबंद्ध कई पदों के व्यंजक को बहुपद कहते हैं।

अर्थात चर, अचर, चर के गुणांक तथा ऋणेतर घातांक के जोड़, घटाव या गुणन की क्रिया वाले बीजगणितीय व्यंजक को बहुपद कहा जाता हैं।

  • Ø  a + a₁x + a₂x² + a₃x³ +…………………… + anxⁿ के रूप में रहने वाले व्यंजक को बहुपद कहते हैं।
  • Ø  जहाँ a, a₁, a₂, a₃ ……an अचर वास्तविक संख्याएँ है और n पूर्ण संख्या हैं।

जैसे :-

  • Ø  2x⁵ + 4xy³ + 6x²
  • Ø  4y³+ y² + yz
  • Ø  3x + x² – x⁴
  • Ø  5x⁶y + 6px²yx² – 8ax

घात n वाले एक चर x वाले बहुपद को निम्न रूप में व्यक्त किया जाता हैं।

P(x) = anxⁿ + an-1 xⁿ⁻¹ +…………+ a₁x + a₀ जहाँ an ≠ 0 और an, a n -1, a₁, a₀ = अचर

 

बीजीय बहुपद ( Algebraic Polynomial) :- चर एवं अचर बहुपद को सामिल करने से जो पद प्राप्त होते है उन्हें बीजीय बहुपद कहा जाता है. जैसे:- x – 8 ,x + 64 ,x+1, आदि.

बीजीय बहुपद मुख्यतः दो प्रकार के होते है.

  • Ø  अचर बहुपद
  • Ø  चर बहुपद

1. अचर बहुपद:- बहुपद का वैसा पद जिसका मान हमेशा स्थिर रहता है वह अचर बहुपद कहलाता है.

जैसे:- 3x + 5, x – 2, 2 और 5 अचर बहुपद है क्योंकि इनका मान सदैव स्थिर रहता है.

  • Ø  अचर बहुपद वास्तविक या काल्पनिक, दोनों संख्या हो सकते है.
  • Ø  अचर बहुपद का घात शून्य होता है.

2. चर बहुपद:- (Char Bahupad):- बहुपद का वैसा पद जिसका मान हमेशा बदलता रहता है वह चर बहुपद कहलाता है.

जैसे:- x2 + 5x + 2

  • Ø  चर बहुपद कभी भी काल्पनिक नही होता है.
  • Ø  चर बहुपद को x, y, z द्वारा सूचित किया जाता है.

 

बहुपद की पहचान:- यदि किसी व्यंजक के सभी पदों का घात एक धनात्मक पूर्णाक होता है, तो वह बहुपद कहलाता है. यदि कीसी व्यंजक का घात, भिन्न, ऋणात्मक पूर्णाक या अपरिमेय संख्या होता है, तो वह बहुपद नही कहलाता है.  जैसे:-

  • Ø  x2 -x +0 ,एक बहुपद है क्योकि  x का घात धनात्मक है.
  • Ø  x2 +√2  ,एक बहुपद है..
  • Ø  √x +√2 बहुपद नहीं है क्योकि x का घात परिमेय संख्या नही है. .
  • Ø  2 + x-2  बहुपद नही है क्योंकि यह घात ऋणात्मक है.
  • Ø  1/x + x बहुपद नही है

 

शून्य बहुपद (Zero Polynomials):- p(x) = 0 को शून्य बहुपद कहते है. इसका घात बताया नही जाता है.

 

रैखिक बहुपद (Linear Polynomials):- एक घातवाली बहुपद को रैखिक बहुपद कहते है. जैसे:- ax + 3, जहाँ a ≠ 0 आदि

 

द्विघात बहुपद ( Quadratic Polynomials):-दो घात वाली बहुपदों को द्विघात बहुपद कहा जाता है. जैसे:- ax2 + bx + 3, जहाँ a ≠ 0 द्विघात बहुपद है.

 

त्रिघात बहुपद (Cubic Polynomials):- तिन घात वाले बहुपद को त्रिघात बहुपद कहते है. जैसे:- ax3 + bx2 + cx + 3

 

एकपदी बहुपद (Monomial):- एक पद वाले बहुपद को एकपदी बहुपद कहते है. जैसे:- 3, x, x2 आदि.

 

द्विपदी बहुपद (Binomial):- दो पदों वाले बहुपद को द्विपदी बहुपद कहते है. जैसे:- x + 2, x – 5, x2 + 2, x3 – 2 आदि.

 

त्रिपदी बहुपद (Trinomial):- तिन पदों वाले बहुपद को त्रिपदी बहुपद कहते है. जैसे:- x2 + 2x + 5, x3 + x2 – 5x आदि.

 

बहुपद का शून्यक (Zeroes of Polynomials):- किसी बहुपद के चार के वे सभी मान, जो बहुपद को शून्य के तुल्य कर दे, वह बहुपद का शून्ययक कहलाता है. जैसे:- ax + b का शून्ययक – b / a होता है.

 

बहुपद के शून्यक एवं गुणांक में सम्बन्ध :-

1. रैखिक बहुपद :-

  • Ø  p(x) = ax + b जहाँ a ≠ 0 हो, तो
  • Ø  p(x) का शून्ययक एक होता है. – b / a = – (अचर पद) / (x का गुणांक)

 

2. द्विघात बहुपद:-

Ø  p(x) =  ax2 + bx + c, जहाँ a ≠ 0 का शून्ययक दो होती है उन्हें ग्रीक अक्षर α (अल्फा) और β (बीटा) से व्यक्त किया जाता है.

  • Ø  शून्यक (α, β) = – b ± √(b – 4ac) / 2a
  • Ø  शून्यको का योगफल (α + β) = – b / a = अचर / (x का गुणांक)
  • Ø  शून्यको का गुणनफल = c / a = अचर / (x का गुणांक)
  • Ø  ax2 + bx + c = (α – x) (β – x)

Ø   

3. त्रिघात बहुपद :-

Ø  P(x) = ax3 + bx2 + cx + d, a ≠ 0 के तिन शुन्यक होते है, जिन्हें क्रमशः α (अल्फा) β (बीटा) और γ (गामा) से व्यक्त किया जाता है.

  • Ø  α + β + γ = -b / a = x2 का गुणांक / x3 का गुणांक
  • Ø  αβ + βγ + γα = c / a = x का गुणांक / x3 का गुणांक
  • Ø  αβγ = d/a = अचर पद / x3 का गुणांक

 

गुणनखंड प्रमेय (Factor Theorem) :- यदि p(x) कोई बहुपद हो, जिसका घाट (n > 1) हो (x – 1) से भाग देने पर शेषफल P(a) = 0 हो (x – a), p(a) का एक गुणनखंड होता हैं।

 

परिमेय व्यंजक :- P(x) और q(x) दो बहुपद हो और q(x) ≠ 0, तो P(x) / q(x) को परिमेय व्यंजन कहते हैं।

  • Ø  यदि बहुपद P(x) को बहुपद G(x) से विभाजित किया जाए और शेषफल R(x) = 0 हो तो बहुपद G(x) बहुपद P(x) का एक गुणनखंड होगा या हम कह सकते हैं कि यदि G(x), P(x) का एक गुणनखंड है, तो शेषफल R(x) शून्य (0) होगा।
  • Ø  उदाहरण :- जाँच करें कि क्या x – 3 बहुपद x³ – 3x² + 4x – 12 का एक गुणनखंड है।

हल:- मान लीजिए P(x) = x³ – 3x² + 4x – 12

हम जानते हैं कि यदि (x – 3), P(x) का एक गुणनखंड है तो शेषफल 0 होगा।

x – 3 का शून्यक x – 3 = 0

x = 3

P(x) में x = 3 रखने पर,

P(3) = (3)³ – 3(3)² + 4(3) – 12

P(3) = 27 – 3(9) + 12 – 12

P(3) = 27 – 27 + 12 – 12

P(3) = 0

शेषफल 0 है इसलिए (x – 3), बहुपद p(x) का गुणनखंड है।

Ans. 0

Ø  Note : -यहाँ शून्यक x = 3 है इसलिए गुणनखंड x – 3 है। यदि हमे शून्यक पता हैं तो हम गुणनखंड ज्ञात कर सकते हैं और यदि हमे किसी बहुपद का गुणनखंड पता हैं तो हम शून्यक ज्ञात कर सकते हैं।

 

Important Question and Answers :-

 

Que. द्विघात बहुपद 6x2 – 7x – 3 के शून्यक ज्ञात कीजिए।

हल :-दिया गया द्विघात बहुपद = 6x2 – 7x – 3

गुणनखण्ड करने पर,

6x2 – 7x – 3

= 6x2 – 9x + 2x – 3

= 3x(2x – 3) + 1 (2x – 3)

= (2x – 3) (3x + 1)

इसलिए 6x2 – 7x – 3 शून्य होगा यदि

2x – 3 = 0 अथवा 3x + 1 = 0

अर्थात् 2x – 3 = 0 x = 3/2

अथवा 3x + 1 = 0 x = −1/3

अत: बहुपद 6x2 – 7x – 3 के शून्यक 3/2 −1/3 हैं।

 

Que. एक द्विघात बहुपद ज्ञात कीजिए, जिसके शून्यकों के योगफल तथा गुणनफल क्रमशः  4, 1 दी गई संख्याएँ हैं

हल :-माना द्विघात बहुपद के शून्यक α β हैं।

तब, शून्यकों का योगफल = (α + β) तथा गुणनफल = α.β

दिया गया है कि शून्यकों का योगफल 4 तथा गुणनफल 1 है।

α + β = 4 तथा α.β = 1

द्विघात बहुपद = (x – α) (x – β)

= x2 – (α + β)x + αβ

= x2 – 4x + 1

अत: अभीष्ट बहुपद = x2 – 4x + 1

 

महत्वपूर्ण तथ्य :-

  • 1.        बहुपद के घात के बढ़ते या घटते क्रम में सजा रूप बहुपद का मानक रूप कहलाता है.
  • 2.        बहुपद के चर का उच्चतम घात बहुपद का घात कहलाता है.
  • 3.        दो बहुपदों का योगफल, अंतर और गुणनफल हमेशा एक बहुपद होता है.
  • 4.        दो बहुपदों का भाग हेमशा बहुपद नही होता है.
  • 5.        द्विघात बहुपद में शुन्यकों की संख्या दो α (अल्फा) और β (बीटा) होती है.
  • 6.        त्रिघात बहुपद में शुन्यकों की संख्या तीन यानि α (अल्फा) β (बीटा) और γ (गामा) होती है.
  • 7.        प्रत्येक बहुपद एक परिमेय व्यंजक होता है, लेकिन प्रत्येक परिमेय व्यंजक बहुपद नही होता है.
  • 8.        P(x) और q(x) बहुपद हो और q(x) ≠ 0, तो P(x) / q(x) एक परिमेय व्यंजक होता है. यह बहुपद तभी होगा, जब q(x), P(x) का एक गुणनखंड होगा.
  • 9.        P(x) / q(x), q(x) ≠ 0 का गुणात्मक व्युत्क्रम q(x) / P(x) होता है जब P(x) ≠ 0.
  • 10.     किसी भी बहुपद का गुणा शून्य के साथ शून्य ही होता है.
  • 11.     P(x) / q(x) लघुतम रूप में तभी कहलाएगा, जब P(x), q(x) का महत्तम समपवर्त्तक = 1 हो.

 

जहाँ शून्य (α, β ) बीजीय सर्वसमिकाओं के नियमों का पालन करते हैं, अर्थात,

  • Ø  (α + β)² = α² + β² + 2αβ
  • Ø  (α² + β²) = (α + β)² – 2αβ

 

विभाजन एल्गोरिथ्म:- यदि p(x) और g(x) g(x) 0 के साथ कोई दो बहुपद हैं, तो

  • Ø  p(x) = g(x) × q(x) + r(x)
  • Ø  भाज्य = भाजक x भागफल + शेष

यह याद रखना:-

  • Ø  यदि r (x) = 0, तो g (x) p (x) का एक गुणनखंड है।
  • Ø  यदि r (x) 0 है, तो हम p (x) से r (x) घटा सकते हैं और फिर बनने वाला नया बहुपद g(x) और q(x) का गुणनखंड है।

 


Priyanshu Classes Notes

Mathematics – X (10th)

 “ You must be the change you wish to see in the world “

- Mahatma Gandhi

 

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