विधिलिङ्ग् लकार
विधिनिमन्त्रणामन्त्रणाधीष्टसंप्रश्नप्रार्थनेषु लिङ् - विधि (चाहिये), निमन्त्रण, आदेश, विधान, उपदेश, प्रश्न तथा प्रार्थना आदि अर्थों का बोध कराने के लिये विधि लिङ् लकार का प्रयोग किया जाता है;जैसे-- विधि- सत्यं ब्रूयात। (सत्य बोलना चाहिये), प्रियं ब्रूयात्। (प्रिय बोलना चाहिये।)
- निमन्त्रण- भवान अद्य अत्र भक्षयेत्। (आप आज यहाँ भोजन करें।)
- आदेश- भृत्यः क्षेत्रे गच्छेत्। (नौकर खेत पर जाये।)
- प्रश्न- त्वंम् किम कुर्याः? (तुम्हें क्या करना चाहिये?)
- इच्छा- यूयं सुखी भवेत्। (तुम खुश रहो।)
विधिलिङ् लकार धातु रूप उदाहरण
दा धातु
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
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प्रथम पुरुष | दद्यात् | दद्याताम् | दद्युः |
मध्यम पुरुष | दद्याः | दद्यातम् | दद्यात |
उत्तम पुरुष | दद्याम् | दद्याव | दद्याम |
दृश् / पश्य धातु
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
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प्रथमपुरुषः | पश्येत् | पश्येताम् | पश्येयुः |
मध्यमपुरुषः | पश्येः | पश्येतम् | पश्येत |
उत्तमपुरुषः | पश्येयम् | पश्येव | पश्येम |
पत् (गिरना) धातु
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
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प्रथम पुरुष | पतेत् | पतेताम् | पतेयुः |
मध्यम पुरुष | पतेः | पतेतम् | पतेत |
उत्तम पुरुष | पतेयम् | पतेव | पतेम |
भू / भव् धातु
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
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प्रथमपुरुषः | भवेत् | भवेताम् | भवेयुः |
मध्यमपुरुषः | भवेः | भवेतम् | भवेत |
उत्तमपुरुषः | भवेयम् | भवेव | भवेम |
कर्ता, क्रिया, वचन तथा पुरुष अनुसार विधि लिङ् लकार के उदाहरण
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
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प्रथम पुरुष | उसे पढ़ना चाहिये। सः पठेत्। | उन दोनों को पढ़ना चाहिये। तौ पठेताम्। | उन सबको पढ़ना चाहिये। ते पठेयुः। |
मध्यम पुरुष | तुम्हें पढ़ना चाहिये। त्वं पठे। | तुम दोनों को पढ़ना चाहिये। युवां पठेतम्। | तुम सबको पढ़ना चाहिये। यूयं पठेत। |
उत्तम पुरुष | मुझे पढ़ना चाहिये। अहं पठेयम्। | हम दोनों को पढ़ना चाहिये। आवां पठेव्। | हम सबको पढ़ना चाहिये। वयं पठेमः। |
अंग्रेजी भाषा के May, Might, Must, Should के समान लिंग लकार होता है।
विधिलिङ् लकार में अनुवाद or विधिलिङ् लकार के वाक्य
- उन सारे गुप्तचरों को राष्ट्रभक्त होना चाहिए। (विधि) = ते सर्वे स्पशाः राष्ट्रभक्ताः भवेयुः।
- तुम्हें गुप्तचर के घर में होना चाहिए। (विधि) = त्वं गूढपुरुषस्य गृहे भवेः।
- तुम दोनों को भेदिया होना चाहिए। (सम्भावना) = युवां स्पशौ भवेतम् ।
- तुम सबको भेदियों से दूर रहना चाहिए।(विधि, आज्ञा) = यूयं चारेभ्यः दूरं भवेत।
- ये दवाएँ इस रोग के लिए पर्याप्त होनी चाहिए। = एतानि भैषज्यानि एतस्मै उपतापाय अलं भवेयुः।
- हम योगी हों। = वयं योगिनः भवेम।
- जिससे रोग न हों। = येन रुजाः न भवेयुः।
- हम दोनों सदाचारी होवें। = आवां सदाचारिणौ भवेव।
- जिससे रोग न हों। = येन आमयाः न भवेयुः।
- हमारे देश में निपुण वैद्य होवें। = अस्माकं देशे निपुणाः वैद्याः भवेयुः।
- कोई भी वैद्य धूर्त न हो । = कः अपि चिकित्सकः धूर्तः न भवेत्।
- सभी वैद्य धार्मिक होवें। = सर्वे अपि अगदङ्काराः धार्मिकाः भवेयुः।
- तू दक्ष वैद्य होवे। = त्वं दक्षः भिषक् भवेः ।
- तुम दोनों लोभी वैद्य न होओ। = युवां लोलुपौ चिकित्सकौ न भवेतम् ।
- तुम सुवर्णभस्म खाकर पुष्ट होओ। = त्वं काञ्चनभस्मं भुक्त्वा पुष्टः भवेः।
- यह दवा खाकर तो दुर्बल भी बलवान् हो जाए। = एतत् औषधं भुक्त्वा दुर्बलः अपि बलवान् भवेत्।
- यह दवा तेरे लिए पुष्टिकर होवे। = एतत् भेषजं तुभ्यं पुष्टिकरं भवेत्।
- सभी रोगहीन होवें। = सर्वे अपि अनामयाः भवेयुः।
- लगता है, इस चिकित्सालय में अच्छी चिकित्सा होगी। = मन्ये , अस्मिन् चिकित्सालये सुष्ठु रुक्प्रतिक्रिया भवेत् ।
- मैं आयुर्वेद की बात मानने वाला होऊँ। = अहं आयुर्वेदस्य वचनकरः भवेयम्।
- तुम दोनों इस रोग से शीघ्र मुक्त होओ। = युवाम् अस्मात् गदात् शीघ्रं मुक्तौ भवेतम् ।
- हे भगवान् ! मैं इस रोग से जल्दी छूट जाऊँ। = हे भगवन् ! अहं अस्मात् आमयात् शीघ्रं मुक्तः भवेयम्।